Thursday, 31 August 2017

विद्यालय का संक्षिप्त इतिहास




          हजारीबाग जिले के बरही प्रखण्ड के खोड़ाहार ग्राम में सुरम्य प्रकृति के गोद में स्थित उत्क्रमित उच्च विद्यालय खोड़ाहार का इतिहास गौरवपूर्ण रहा है। जिला मुख्यालय से विद्यालय की दूरी 33 किमी और प्रखण्ड मुख्यालय से दूरी 7 किमी है। खोड़ाहार पंचायत के आसपास कोई विद्यालय नहीं होने के कारण बहुत कम बच्चे प्रखण्ड मुख्यालय पढ़ने के लिए पहुँच पाते थे। अतः इस समस्या को लेकर खोड़ाहार के एक सजग ग्रामीण स्व श्री जगन्नाथ राम ने इस क्षेत्र में प्राथमिक शिक्षा का अलख जगाने का वीणा उठाया। इनसे प्रभावित होकर पूर्व जमींदार श्री मुन्ना सिंह, जेठ रैयत श्री पुनीत महतो एवं अन्य रैयत श्री नन्हकू महतो, श्री मंगर महतो, श्री गिरधारी महतो, श्री हरिलाल राम, श्री चतुरी राम एवं श्री ठकुरी महतो ने कुल 1 एकड़ 12 डिसिमिल जमीन स्कूल बनाने के लिए दान कर दिया। जिसपर ग्रामीणों के सहयोग से तीन कमरों का निर्माण हुआ। इन्ही तीन कमरों में प्राथमिक स्तर की पढ़ाई शुरू हुई। विद्यालय में स्थानीय शिक्षक काम करते थे, जिन्हे कभी कभी ग्रामीणों के द्वारा कुछ पैसा एवं आनाज वेतन स्वरूप दे दिया जाता था। बाद में चलकर शिक्षकों को सरकारी अनुदान भी मिला । 1967-68 के समय स्व. रामकिशुन सिंह के दो पुत्रों श्री चंदेश्वर सिंह और श्री रामवृक्ष सिंह ने इस विद्यालय को समर्पित भाव से सेवाएँ प्रदान की। श्री चंदेश्वर सिंह ने इस विद्यालय में शिक्षण कार्य भी किया। स्व. श्री रामवृक्ष सिंह विद्यालय के आरंभ से लेकर अपने जीवन के अंतिम समय तक ग्राम शिक्षा समिति के अध्यक्ष रहे।
          बिहार विधानमंडल के अधिनियम 30 दिनांक 31.12.1976 को राज्यपाल  महोदय की अनुमति से राज्य के अनेक प्राथमिक विद्यालयों का दिनांक 01.01.1971 को राजकीयकरण हुआ जिसमें प्राथमिक विद्यालय खोड़ाहार भी शामिल था। प्राथमिक विद्यालय खोड़ाहार के राजकीयकरण के बाद यहाँ के शिक्षकों को राज्य सरकार से वेतन मिलने लगा जिसकी निकासी जिला शिक्षा अधीक्षक हजारीबाग के द्वारा किया जाता था। राजकीयकरण होने के समय इसके प्रधानाध्यापक श्री केदार नारायण मेहता थे। जो 1981-82 तक अपने पद पर बने रहे। 
          1982-83 में सरकार के द्वारा प्राथमिक विद्यालय खोड़ाहार को मध्य विद्यालय का दर्जा दे दिया। अब यहाँ कक्षा-8 तक पढ़ाई होने लगी एवं श्री मदन राम विद्यालय के प्रधानाध्यापक पद पर पदस्थापित किए गए। दिनांक 31.01.2001 को श्री मदन राम के सेवानिवृत होने पर श्री नूर मोहम्मद अंसारी प्रधानाध्यापक बने । श्री नूर मोहम्मद अंसारी दिनांक 01.02.2001 से 25.10.2002 तक अपने पद पर रहे।  इनके स्थानांतरण के उपरांत दिनांक 05.11.2002 को श्री रतनेश्वर प्रसाद केशरी विद्यालय के प्रधानाध्यापक बने।
          रतनेश्वर प्रसाद केशरी इस विद्यालय के एक स्वप्नदर्शी प्रधानाध्यापक थे । उन्होने 3 कमरे के विद्यालय को विस्तारित करवाया । सन 2003-04 में D.P.E.P., सन 2004-05 में SSAसे दो कमरे एवं किचन सह स्टोर रूम का निर्माण, 2005-06 में NPEGEL का एक कमरा तथा 2006-07 में  DPEP से 8 कमरों का दो मंज़िला भवन का निर्माण करवाया।
उत्क्रमित उच्च विद्यालय का अस्तित्व में आना-
          राजकीय मध्य विद्यालय खोड़ाहार से पढ़कर निकलने वाले छात्र -छात्राएँ आगे के शिक्षा के लिए प्रखण्ड मुख्यालय नहीं पहुँच पाते थे और अधिकांश छात्र खासकर छात्राएँ पढ़ाई छोड़ देते थे।इस समस्या को ध्यान में रखते हुए खोड़ाहार और उसके आसपास के गाँव टोलो के वरिष्ठ नागरिकों की एक आम सभा विद्यालय के सचिव श्री रतनेश्वर प्रसाद केशरी के साथ हुई। ग्राम शिक्षा समिति खोड़ाहार और वरिष्ठ नागरिकों की इस सभा में  राजकीय मध्य विद्यालय खोड़ाहार को उत्क्रमित करके  उच्च विद्यालय बनाने का प्रस्ताव पास हुआ । इस सभा में सर्व श्री चंदेश्वर सिंह, रामवृक्ष सिंह, कुलदीप सिंह, विनय सिंह, गणेश यादव, भारत यादव, शिवप्रसाद यादव, छोटेलाल यादव देवचनदा के अयोध्या प्रसाद यादव, रमेश सिंह, केदारुत के सुरेन्द्र यादव, राजू यादव, विनोद यादव सहित कई वरिष्ठ ग्रामीण शामिल हुए थे। सभा में पास किए गए प्रस्ताव को लेकर सभा में शामिल वरिष्ठ लोगो ने स्थानीय विधायक श्री मनोज कुमार यादव व बरकट्ठा विधायक श्री चितरंजन यादव से संपर्क किया। फलस्वरूप विधायक द्वय के प्रयास से झारखंड सरकार ने इस विद्यालय को उत्क्रमित उच्च विद्यालय का दर्जा दिया। जो निदेशक माध्यमिक शिक्षा झारखंड रांची के ज्ञापंक 1989 दिनांक 15.09.2006 के द्वारा लागू किया गया । स्थानीय विधायक माननीय श्री मनोज कुमार यादव ने बरकट्ठा विधायक माननीय श्री चितरंजन यादव के गरिमामई उपस्थिति में दिनांक 12.05.2007 को उत्क्रमित उच्च विद्यालय खोड़ाहार का विधिवत उदघाटन किया। दिनांक 11.06.2007 से विद्यालय में छात्र छात्राओं का नामांकन प्रारम्भ हुआ। राजकीय मध्य विद्यालय खोड़ाहार के प्रधानाध्यापक श्री रतनेश्वर प्रसाद केशरी को ही उत्क्रमित उच्च विद्यालय का प्रभारी प्रधानाध्यापक बनाया गया। उन्होने मध्य विद्यालय के शिक्षकों सर्व श्री नरेश प्रसाद, रामचन्द्र मुशर, राजकुमार महतो, श्रीमती इन्दिरा पाण्डेय  एवं श्रीमती मंजू देवी के सहयोग से इसे संचालित करना शुरू किया ।  शिक्षकों के अभाव को देखते हुए प्रखनाद शिक्षा प्रसार पदाधिकारी बरही -1 के द्वारा श्री नारायण साव एवं श्री अरुण कुमार का प्रतिनियोजन विद्यालय में किया गया।
उत्क्रमित उच्च विद्यालय खोड़ाहार को लंबे इंतजार के बाद मिले 7 शिक्षक –स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग झारखंड सरकार  (मध्यमिक शिक्षा निदेशालय ) आदेश संख्या -11/न.1-02/2014-1889 मानव संसाधन विकास विभाग के संकल्प संख्या 1470 दिनांक 29.05.2011 द्वारा राज्य सरकार के प्राधिकृत प्राधिकार के रूप में झारखंड अधिविध परिषद द्वारा आयोजित प्रतियोगिता परीक्षा के आधार पर पत्रांक  JAC/TGT/PR/5897/cc/54/15 दिनांक 28/05/2015 द्वारा प्राप्त सशर्त अनुसंशसित अभ्यर्थियों को मानव संसाधन विभाग, झारखंड के द्वारा गठित स्थापना समिति की बैठक दिनांक 27/07/2015 को लिए गए निर्णयानुसार नवउत्क्रमित माध्यमिक विद्यालयों में स्नातक प्रशिक्षित सहायक शिक्षक के रिक्त पदों पर नियुक्ति की अनुशंसा हुई ।  इसके बाद झारखंड अधिविध परिषद रांची द्वारा आयोजित प्रतियोगिता परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों को  निदेशक मध्यमिक शिक्षा झारखंड, रांची  के  ज्ञापांक -11/न.02/2014 / 1889 रांची, दिनांक 29/07/2015 के अनुसार नियुक्ति पत्र दिया गया। इस तरह लंबे इंतजार के बाद आखिरकार अगस्त 2015 में उत्कमित उच्च विद्यालय खोड़ाहार को 7 शिक्षक मिल गए। 

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